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The Faithbook Blog
Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Apr 11, 20216 min read
मैं धर्मनिष्ठ श्री कृष्ण
आज से 100 वर्ष पूर्व कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्य हुए थे। उन्होंने त्रिषष्टि-शलाकापुरुष चरित्र के आठवें पर्व में 22वें तीर्थंकर...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Apr 11, 20215 min read
मैं एकलवीर एकलव्य
द्रोणाचार्य की पाठशाला में अलग-अलग राजकुमारों ने युद्धकला आदि अनेक प्रकार की विद्याएँ प्राप्त की थी। अमुक्त और करमुक्त ऐसे शस्त्रों की...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Apr 11, 20216 min read
मैं कर्ण : सवाया अर्जुन
महाभारत के पात्रों में नेत्रदीपक पात्रों के रूप में विपुल प्रेरणा देने वाले पात्रों के रूप में पहले श्रीकृष्ण आते हैं, तो लगभग उनकी...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Apr 10, 20217 min read
धनुर्धारी मैं अर्जुन !
आर्यावर्त के कांपिल्यपुर नगर में महाराजा द्रुपद राज्य करते थे। उनका युवराज पद पर आरूढ़ धुष्टद्युम्न नाम का पुत्र था। अद्वितीय रूप और...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Mar 7, 20217 min read
I am Yudhishthira, the holder of easy forgiveness
Myself Yudhishthira, the eldest brother among the five Pandavas and the hundred Kauravas. The signs of the son are seen in cradle. My...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Oct 13, 20208 min read
पहचान लो मुझे – मैं हूँ दुर्योधन
कौरव कुल में पहला गर्भ मेरी माता गान्धारी को रहा, किन्तु मैं इतना पापी था कि तीस माह तक प्रसव नहीं हुआ। मेरी माता ने प्रसव हेतु अनेक...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Oct 13, 20209 min read
Recognise Me – I am Duryodhan
The first lady who could experience pregnancy in the entire Kaurav clan was my mother, Mata Gandhari. But I was so sinful that for 30...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Sep 23, 20207 min read
मैं द्रौपदी हूँ
महाभारत का इतिहास तो भारतवर्ष का चिर-कालीन इतिहास है। अन्य इतिहास तो बदलते रहे हैं, लेकिन यह महाभारत का इतिहास नहीं बदला, इसीलिए रामायण...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Jul 1, 20207 min read
Mahavir Pitamaha Bhishma of Mahabharata and Mahabhinishkramana
Maha ‘means giant’ and Bharat ‘means descendants of Bharata’. Due to the valor and fame of these Bharatvanshis, this Indian Empire became...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Jun 30, 20208 min read
महाभारत और महाभिनिष्क्रमण के महावीर पितामह भीष्म
‘महा’ अर्थात् विशाल और ‘भारत’ अर्थात् भरत के वंशज। इन्हीं भरतवंशीओं के पराक्रम एवं यशो गाथाओं के कारण यह हिन्दवी साम्राज्य भारत के नाम से...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
May 31, 20205 min read
I, Bhishma Pitamah (Part- 2)
Lord of the era, Rishabhdev, had a hundred sons. One of them was Kuru. The country of Kuru became famous by the name of this Kuru....
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
May 31, 20206 min read
मैं भीष्म पितामह ( भाग – 2 )
युगादिदेव ऋषभदेव भगवान के भरतादि सौ पुत्र थे। उनमें से एक कुरु नामक पुत्र भी था। इसी कुरु के नाम से कुरु देश प्रसिद्ध हुआ था। कुरु के...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
May 4, 20205 min read
सफर : गांगेय से भिष्म तक
प्रस्तुत है भीष्म पितामह, कुरुवंश के आदरणीय वरिष्ठ महापुरुष। आइए सुनते हैं, इन्हीं की भाषा में, कि ये क्या कहते हैं: श्री नेमिनाथ भगवान...
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