top of page
The Faithbook Blog
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
May 19, 20215 min read
गोडीजी का इतिहास - 1
!! अथ श्री गोडी पार्श्वनाथजी की कथा !! अखिल विश्व में 23 वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान का प्रभाव अतिशय प्रख्यात है। प्रायः ऐसा कोई...
0
Priyam
May 18, 20216 min read
उपबृंहणा का उत्सव
99.50% = Fail शायद हमारी बहुत गाथाएँ कंठस्थ ना हो सके, अट्ठाई हो ही ना सके, बहुत दान ना दे सकें, फिर भी हमारा मोक्ष हो सकता है। लेकिन संघ...
0
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20215 min read
शिकायत नहीं किन्तु सक्रियता
अनन्त भवों में भटकते हुए एकत्रित की गई पुण्यराशि के प्रभाव से हमें लोकोत्तर जिनशासन की प्राप्ति हुई है। इस अद्भुत जिनशासन की प्राप्ति...
0
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 11, 20215 min read
Blood Group : See Positive
एक गिलास में थोड़ा पानी डालकर गुरु ने दो शिष्यों को बुलाया, और पूछा कि इसमें क्या दिखता है? एक शिष्य ने कहाँ, ‘गुरुजी! यह गिलास आधा खाली...
0
Priyam
Apr 11, 20215 min read
‘मैंने कुछ भी नहीं किया है।’
संघ संवेदना परम पावन श्री भगवतीसूत्र में एक घटना का वर्णन है। चमरेन्द्र के अपराधी सिद्ध होने के कारण सौधर्मेन्द्र ने उन पर वज्र छोड़ा।...
0
Priyam
Apr 10, 20215 min read
जिनशासन : एक वटवृक्ष
संघत्याग सुमितभाई होस्पिटलाईज्ड हुए। उनका मित्र खबर पूछने गया। तबियत पूछी, लगभग कुछ भी अच्छा नहीं था। तीन फ्रेक्चर, बुखार, उल्टी, पीड़ा,...
0
Priyam
Apr 10, 20215 min read
एक स्वप्न देखते है….
Relation यह मेरा बेटा है, इस मुद्दे पर हम सब कुछ गौण करने को तैयार हैं। वो नवकार गिनता है, इस मुद्दे पर हम कुछ भी गौण करने को तैयार नहीं...
0
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Jan 31, 20216 min read
मनोरंजन का मानसरोवर
एक बार के लिए मानिए कि आपकी वार्षिक आमदनी 10 लाख रूपये है, और पूरे वर्ष का कुल खर्च 8 लाख रूपये है। मतलब 2 लाख रूपये की शुद्ध बचत है।...
0
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Nov 26, 20204 min read
Power of Unity
Jinshasan was established 2576 years ago by Tirthankar Shri Bhagwan Mahavir. After so many years in the flow of time, we have attained...
0
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Nov 26, 20204 min read
Power of Unity
अनन्तज्ञानी तीर्थंकर श्री भगवान महावीर के द्वारा आज से 2576 वर्ष पूर्व जिनशासन की स्थापना की गई थी। समय के प्रवाह में बहते-बहते इतने...
0
Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Nov 11, 20207 min read
Temper : A Terror – 5
( पाटलिपुत्र आने के बाद नगर के प्रवेश के पूर्व एक भव्य प्रासाद को देखकर उस में प्रवेश कर किया । उस मंदिर के खंभे पर चित्र में अंकित...
0
Panyas Shri Shatrunjay Vijayji Maharaj Saheb
Nov 11, 20205 min read
विशुद्धि चक्र ध्यान
( क्रमांक 1 से 6 तक मूलाधार चक्र ध्यान के मुताबिक ध्यान करने के पश्चात ) फिर विचार कीजिए कि दूर क्षितिज से गहरे नीले, Grey या Navy Blue...
0
Priyam
Nov 11, 20203 min read
जिनशासन को हार्ट-अटैक
बात हृदय की… हृदय में जिनशासन की स्थापना हेतु… जिनशासन के हृदय का परिचय होना आवश्यक है, वह न होने से जिनशासन की उपेक्षा होती है… अवगणना...
0
Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Nov 11, 20202 min read
जिसको पुष्ट किया, वो ही हमें पीस रहा हैं ।
सुबह पति जब तैयार होकर घर से बहार निकल रहा था, तब अंदर से उनकी श्रीमतीजी (पत्नी) आयी, उनके हाथ में केशर-बादाम-पिस्तावाला दूध रखा और पत्नी...
0
Sanjay Bhai Vakhariya
Sep 23, 20202 min read
अनुमोदना का अपूर्व अवसर
उच्च शिखरों से सुशोभित मंदिरों के दर्शन से हमारी आत्मा को अतीव आनंद की अनुभूति होती है। परंतु, यह आनन्द उन शिलाओं का आभारी है, जिन्होंने...
0
Panyas Shri Shatrunjay Vijayji Maharaj Saheb
Jul 27, 20205 min read
स्वाधिष्ठान चक्र ध्यान
( मूलाधार चक्र ध्यान की प्रक्रिया में से 1 से 6 क्रमांक तक ध्यान करने के पश्चात ) 7. फिर विचार कीजिए कि दूर क्षितिज से केशरी रंग की कोई...
0
Sanjay Bhai Vakhariya
Jun 19, 20202 min read
Gems of Jinshasan
A Gem has a place in the Vault and ashes have a place in dumpyard. Gem souls serve the Shasan and souls like Ash keep roaming in the...
0
Panyas Shri Premsundar Vijayji Maharaj Saheb
May 4, 20203 min read
जिनशासन का जयघोष
जैनत्व के संस्कारों से सुवासित प्रभु महावीर के अनुयायी सभी संघ, सभी सम्प्रदाय, सभी गच्छ, सभी समाज, सभी ट्रस्ट सामूहिक या व्यक्तिगत स्तर...
0
From the significance of daily rituals to the profound teachings of Jainism,
our blogs offer a treasure trove of knowledge
Languages:
Top Posts
Categories:
bottom of page