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The Faithbook Blog

गोडीजी का इतिहास – 8
दिव्यध्वनि से ध्वजारोहण वि.सं. 1515 (ई.स. 1459) का वर्ष था। शिखर का कार्य पूर्ण होने को था। अब काजलशा परिवार में कर्ता पुरुष होने के कारण...
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 25, 20236 min read
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गोडीजी का इतिहास – 6
काजलशा का काला कलेजा जिनमन्दिर के निर्माण में मात्र पत्थर ही नहीं लग रहे थे, बल्कि मेघाशा के मनोरथ भी लग रहे थे। प्रभु के आगमन से गोड़ी...
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 25, 20235 min read
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गोडीजी का इतिहास – 5
पारस प्रभु मेरे… मेघाशा हर्षित हृदय से भूदेशर की सीमा पर पहुँचा। अपनी कर्मभूमि के सामीप्य से उसका मन प्रसन्न हो गया। उसने अपने साले...
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 24, 20236 min read
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गोडीजी का इतिहास – 7
मेघाशा का महाप्रयाण सुव्रता के विवाह की शहनाई बज रही थीं, ढोल बज रहे थे। काजलशा ने अत्यन्त धूमधाम से विवाह करवाया। ऐसा आयोजन देखकर...
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Apr 18, 20235 min read
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गोडीजी का इतिहास – 2
आक्रमण और उत्थापन सभी का श्वास थम सा गया था। हृदय के धड़कनों की गति बढ़ती जा रही थी। जैसे-जैसे समाचार सुनने में आ रहे हैं, वैसे-वैसे सभी...
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Nov 4, 20214 min read
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