top of page
The Faithbook Blog
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20205 min read
पर्युषण की यादें… कुछ खट्टी… कुछ मीठी….
अरिहंत भगवंत के द्वारा प्राप्त जिनशासन इतना अद्भुत-अनोखा-अप्रतिम है कि जहाँ निरन्तर आत्मा के ध्येय के साथ जुड़े हुए अनेक योग हमें प्राप्त...
0
Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20205 min read
क्या पर्युषण ( जैन पर्व ) आपसे प्रसन्न है ?
कुछ दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में एक किस्सा पहुंचा था । झारखंड के वैद्यनाथ मंदिर के दर्शन खोलने हेतु अधिवक्ता ने सुंदर दलील पेश की थी।...
0
Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20206 min read
क्षमा… एक अपरिचित सफर…
आज 5 अगस्त का दिन… आज क्षमामंदिर का भूमिपूजन करना है। कल की ही बात है। एक भाई ज़ोर ज़ोर से फ़ोन पर किसी को आदेश दे रहे थे। अपनी भडास...
0
Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20202 min read
अमीर महान या सज्जन ?
एक बार चार युवक महान फिलोसोफर सॉक्रेटिस से मिलने गए। उनके साथ थोड़ी बात करने के बाद सॉक्रेटिस ने उनको पूछा : आपको भविष्य में क्या बनने की...
0
Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20204 min read
संवत्सरी प्रतिक्रमण – भाव प्रतिक्रमण
एक महिला टैक्सी में बैठी, ड्राइवर को गंतव्य स्थान बताया, टैक्सी उस स्थान पर पहुँची तो महिला ने किराया पूछा। टैक्सी वाला बोला, ‘50 रूपया’।...
0
Sanjay Bhai Vakhariya
Sep 23, 20202 min read
अनुमोदना का अपूर्व अवसर
उच्च शिखरों से सुशोभित मंदिरों के दर्शन से हमारी आत्मा को अतीव आनंद की अनुभूति होती है। परंतु, यह आनन्द उन शिलाओं का आभारी है, जिन्होंने...
0
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20203 min read
जिनशासन के चंद्र
अरिहंत बनने की मार्वेलस जर्नी पर हम नीकले है। हमारा छठा पड़ाव है उपाध्याय पद। उपाध्याय भगवंत यानी ऐसे प्रज्ञावान साधु भगवंत जो आगमों के...
0
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20203 min read
पाळे पळावे पंचाचार
हेलो फ्रेंड्स ! अरिहंत बनाने के लिए 20 कदमों की बातें हम कर रहे है। आपको शायद पता ही होगा कि अरिहंत किसे कहते है। नहीं तो हो मैं बता दूं...
0
Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20203 min read
Temper : A Terror – 4
नदी की किनारे पर वटवृक्षों का राज था, एक विशालकाय साँप की केंचुलीओं की तरह सर्वत्र वटवृक्षों की शाखाएँ फैली हुई थी। नदी का गम्भीर किन्तु...
0
Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20203 min read
सद्बुद्धि से सन्मार्ग की प्राप्ति, सन्मार्ग से सद्गति की प्राप्ति
संस्कृत का एक सुंदर सुभाषित है। विपत्तिकाले समुत्थाने, बुद्धिर्यस्य न हीयते। स एव दुर्गतिं तरति, जलस्थो वानरो यथा।। इस सुभाषित का कथा...
0
Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20204 min read
TIME IS DIVINE CURRENCY
!! ‘नष्टं द्रव्यं लभ्यते कष्टसाध्यम्, नष्टारोग्यं सूपचारैः सुसाध्यम् !! !! नष्टा विद्या लभ्यतेSभ्यासयुक्ता, नष्टा वेला या गता सा गतैव !!...
0
Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Sep 23, 20207 min read
मैं द्रौपदी हूँ
महाभारत का इतिहास तो भारतवर्ष का चिर-कालीन इतिहास है। अन्य इतिहास तो बदलते रहे हैं, लेकिन यह महाभारत का इतिहास नहीं बदला, इसीलिए रामायण...
0
Panyas Shri Premsundar Vijayji Maharaj Saheb
Sep 23, 20204 min read
औचित्य का एवरेस्ट
गुणगण सम्राट्, सुविशाल गच्छाधिपति, सिद्धान्त दिवाकर पूज्यश्री के गुणगान करना गुणों के समुद्र से रत्नों का संचय करने जैसा है। वे स्वयं...
0
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Sep 23, 20207 min read
इंद्रियों के गुलाम या मालिक ?
ऐसे पुण्यशाली जीव जिन्हें रोज दो-चार घण्टे का Extra Time मिलता है, उन्हें उस Extra Time में धर्म की वृद्धि करनी चाहिए – गुरु भगवन्त ऐसा...
0
Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Sep 23, 20206 min read
How to use this extra time?
पिछले लेखों में आपने पढ़ा, कि यदि आप पुण्य-शाली हैं और दिन में 3-4 घण्टे काम करके जरूरत से कहीं अधिक कमा लेते हैं, तो आपको बाकी के समय में...
0
Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Aug 5, 20206 min read
मैं कुन्ती हूँ
यौवन के शिखर तक पहुँचते हुए मेरा रूप, गुण, चातुर्य और सौन्दर्य सोलह कलाओं सा खिल चुका था। मेरे पिता अंधकवृष्णि आदि बड़े मेरे विवाह के लिए...
0
Viral Shah
Aug 2, 20204 min read
सच्चा रिश्ता भाई-बहन का….
भक्ति, पर्व और उत्सवों का त्रिवेणी संगम है श्रावण मास। रक्षाबंधन के इस त्यौहार की सबसे बड़ी विशेषता है श्रावणी-पूर्णिमा के दिन होना। आज के...
0
Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Aug 2, 202010 min read
मेरे प्यारे मित्र
यह दुनिया रिश्तों के रंगों से चहक उठती है। रिश्तों की खुशबू से ही ये जहाँ महक रहा है। उसमें भी दिल को जो रिश्ता खूब प्यारा और खुशमिज़ाज़...
0
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Jul 27, 20203 min read
क्या हमारे भगवान संकुचित है ???
हेलो फ्रेंड्स ! C.A. बनना मुश्किल हैं, F.A. बनना उससे भी ज्यादा मुश्किल हैं। लेकिन परमात्मा बनना तो सबसे ज्यादा मुश्किल है। इसलिए तो...
0
Panyas Shri Labdhivallabh Vijayji Maharaj Saheb
Jul 27, 20203 min read
आत्मजागृति का अखंड दीप
प्रभु महावीर आतमजागृति का अखंड दीप है। प्रभु महावीर का अर्थ होता है औरों से अन छुआ निजत्व। प्रभु महावीर का मतलब है जिनको किसी से भी मतलब...
0
From the significance of daily rituals to the profound teachings of Jainism,
our blogs offer a treasure trove of knowledge
Languages:
Top Posts
Categories:
bottom of page