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The Faithbook Blog
Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Jul 13, 20204 min read
एक खबर….पर नज़र….
कुछ दिन पहले समाचार के सभी माध्यमों में (इलेक्ट्रोनिक मीडिया हो चाहे प्रिन्ट मीडिया हो या सोशल मीडिया हो) तीन दिनों तक लगातार एक खबर...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Jul 13, 20202 min read
संताप – समझौता – सौभाग्य
एक मंदिर का निर्माण कार्य शुरू था। किसी ने मजदूर को पूछा “तु क्या कर रहा है?“ उसने कहा “पत्थर फोड़ने की मजदूरी कर रहा हूँ“ दूसरे मजदुर से...
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Aacharya Shri Mahabodhi Suriji Maharaj Saheb
Jul 13, 202015 min read
उज्झितक कथा
पाप विपाक नामक प्रथम अध्ययन पर देशना फरमाने के उपरान्त परमात्मा वीर प्रभु ने द्वितीय अध्ययन का प्रारंभ किया। इस जम्बू द्वीप के भरत...
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Muni Shri Karunadrishti Vijayji Maharaj Saheb
Jul 12, 20204 min read
सद्गुरु शरणं मम
अपनी 1 साल की 50,000 की पूंजी लेकर एक किसान ने मुम्बई की 5 स्टार होटेल में एक रात रहने का सोचा। अपना रौब जमाने के लिए सभी मित्रों को भी...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Jul 12, 20207 min read
पंचपरमेष्ठी का साक्षात्कार अर्थात् गुरुमाँ
जीवन में कभी भी अमृतपान न किया हो किन्तु फिर भी आम के रसास्वाद से जैसे अमृत की तृप्तता होती है, यथार्थ वैसे ही……पंचपरमेष्ठी के साक्षात्...
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Aacharya Shri Jaysundar Suriji Maharaj Saheb
Jul 12, 20202 min read
जिनशासन गौरव
नौका चलाने वाला नाविक, बैलगाड़ी चलाने वाला किसान, स्कूटर, मोटर या ट्रेन चलाने वाला Driver, विमान चलाने वाला Pilot – ये सब यदि अनाड़ी हों,...
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Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
Jun 30, 20207 min read
जिनशासन में अर्थ और काम पुरुषार्थ का स्वरूप क्या है ?
इस लेखमाला के प्रथम भाग में मार्गानुसारी के 35 गुणों में से पहले गुण ‘त्रिवर्गअबाधा’ का उल्लेख किया था। उसका अर्थ यह था कि...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
Jun 30, 20208 min read
महाभारत और महाभिनिष्क्रमण के महावीर पितामह भीष्म
‘महा’ अर्थात् विशाल और ‘भारत’ अर्थात् भरत के वंशज। इन्हीं भरतवंशीओं के पराक्रम एवं यशो गाथाओं के कारण यह हिन्दवी साम्राज्य भारत के नाम से...
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Muni Shri Shilgun Vijayji Maharaj Saheb
Jun 21, 20205 min read
Temper: A Terror – 2
राजतापस के चेहरे पर आनन्द छा गया। ‘देखो ! कितना सुन्दर बालक है। एकदम आप पर गया है।’ राजतापसी ने राजतापस को सद्यः प्रसूत बालक को दिखाते...
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Panyas Shri Labdhivallabh Vijayji Maharaj Saheb
Jun 21, 20205 min read
सत्य ध्रुव है
प्रभु महावीर ‘सत्’ को जीने वाले थे। ‘सत्’ उनका जीवन-दर्शन था। सत् का अर्थ है सत्य, और सत्य का अर्थ है ध्रुव। जो ध्रुव नहीं है, वह...
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Mukesh Bhai Mehta
Jun 21, 20203 min read
सर्वश्रेष्ठ जैन योग
मोक्खेण जोयणाओ जोगो। आचार्य श्री हरिभद्रसूरिजी म.सा. अपने ‘योग-विंशिका’ ग्रन्थ में कहते हैं कि योग वह है, जो आत्मा को मोक्ष से जोड़ता है।...
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Muni Shri Akshaykirti Vijayji Maharaj Saheb
Jun 18, 20203 min read
आचारः प्रथमो धर्मो
“आचारः प्रथमो धर्मो, नृणां श्रेयस्करो महान्। इहलोके पराकीर्तिः, परत्र परमं सुखम् ।।” Mostly आजकल अनाचार का ही Trend हो गया है। Dressing,...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj Saheb
Jun 18, 20205 min read
स्नेह, सत्व और सहिष्णुता का संगम : पिता
माता-पिता के प्रेम का मूल्यांकन करना हमारे बस की बात नहीं है। जिस प्रकार हमारी दोनों आँखों का महत्त्व एक समान है, उसी प्रकार माता और पिता...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Jun 18, 20203 min read
सफर : संसार से सिद्धशिला
दूसरा पड़ाव – सिद्ध Hello Friends ! हम तो चले हैं फिलहाल उस यात्रा पर जहाँ मंजिल पर भगवान खुद खड़े हैं, और बड़ी बेसब्री से हमारा इंतजार कर...
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Sanjay Bhai Vakhariya
Jun 18, 20203 min read
जिनशासन के हीरे मोती
रत्न का स्थान तिजोरी में और राख का स्थान कचरे के ढेर में होता है। रत्न जैसे जीव शासन की सेवा करते हैं, और राख जैसे जीव संसार में पड़े...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Jun 15, 20202 min read
सहिष्णुता से सिद्धगति
एक भाई मिलने के लिए आए, और बोले, “महाराज जी ! हमारा घर चौमुखी मन्दिर जैसा है।” मैंने पूछा, “कैसे?” तो वे बोले, “चौमुखी मन्दिर में चार...
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Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Jun 7, 20206 min read
कोरोना वैक्सीन का सच
कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक एवं हिंसक उन्हें मिटाने के नाम पर बनाया टीका होगा कुछ लोग ऐसा दावा कर रहे हैं कि, कोरोना के सामने लड़ने...
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Aacharya Shri Mahabodhi Suriji Maharaj Saheb
Jun 7, 20208 min read
मृगापुत्र कथा
प्रभु ने मृगापुत्र का दृष्टान्त विस्तार से बताना शुरू किया। इसी जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में मृगाग्राम नामक एक नगर था, वहाँ विजय नामक...
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Aacharya Shri Abhayshekhar Suriji Maharaj Saheb
May 31, 20208 min read
पुण्य की Investment और Savings कैसे करे ?
हम प्रथम प्रश्न के जवाब पर विचार मन्थन कर रहे थे। जो लोग पुण्यशाली हैं, 3 – 4 घण्टे व्यवसाय करके इतनी कमाई कर लेते हैं, कि खर्च तो आराम...
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Aacharya Shri Atmadarshan Suriji Maharaj Saheb
May 31, 20206 min read
मैं भीष्म पितामह ( भाग – 2 )
युगादिदेव ऋषभदेव भगवान के भरतादि सौ पुत्र थे। उनमें से एक कुरु नामक पुत्र भी था। इसी कुरु के नाम से कुरु देश प्रसिद्ध हुआ था। कुरु के...
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