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The Faithbook Blog


पर से मुक्त होने की कला
बोकोजु... ज़ेन परंपरा के महान संत। वे गुफाओं में रहकर ध्यान साधना करते थे। कभी-कभी वे अपने शिष्यों के साथ भी रहते, और जब-जब वे शिष्य समूह...
Panyas Shri Rajsundar Vijayji Maharaj Saheb
6 days ago2 min read
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दृष्टाभाव की पराकाष्ठा!
संत कबीर... अपनी आध्यात्मिक निष्ठा के कारण उस समय सर्वत्र प्रसिद्ध हो गए थे। लेकिन इतनी प्रसिद्धि के कारण गाँव के पंडित बहुत ही दुःखी हो...
Panyas Shri Rajsundar Vijayji Maharaj Saheb
Mar 133 min read
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बड़ा रूप दे दो
चिंटू: “पिंटू! लोगों का ध्यान खींचने के लिए क्या करना चाहिए?” पिंटू: “किसी भी छोटी सी बात को बड़ा स्वरूप दे दो!” इतने में नौकर चाय लेकर...
Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Mar 52 min read
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महानायक खारवेल Ep. 20
( युवान तोषालिपुत्र महाराज खेमराय के पराजय की बात सुनते ही वे राजा को मिलने और मनाने के लिए आए थे। उन्होंने एक नक्शा दिखाकर राजा को बहुत...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Jan 29 min read
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केस रामायण-महाभारत का
छगन वकील को मगन ने पूछा, “रामायण-महाभारत के बारे में क्या जानते हो?” छगन: “महाभारत में लैंड डिस्प्यूट का मामला था, सिविल केस था। रामायण...
Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Dec 3, 20242 min read
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महानायक खारवेल Ep. 14
आज का वसंतोत्सव फीका साबित होने वाला है। बप्पदेव सोच रहा था। बप्पदेव महाराज वृद्धराज के प्रधान सेनापति वप्रदेव का पुत्र था। उसकी और...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Nov 17, 20245 min read
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Mahanayak Kharvel Ep. 14
"Today's Spring Festival is going to turn out dull," thought Bappadev. Bappadev was the son of the chief commander Vapradev, who served...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj
Nov 17, 20245 min read
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पेट है या क़ब्रस्तान?
कुछ अभक्ष्य पदार्थों की सूचि नीचे दी जा रही है। 1. जिलेटीन : यह प्राणियों की हड्डी का पाउडर है। इसका उपयोग जेली, आइस्क्रीम,...
Gachhadhipati Shri Rajendra Suriji Maharaj Saheb
Nov 14, 20244 min read
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महानायक खारवेल Ep. 13
कलिंग जनपद की राजधानी तोसाली नगरी उत्सव में मग्न बन गई थी। यद्यपि एक जमाने में जिस प्रकार से महोत्सव मनाये जाते थे, वैसे तो कई बरसों से...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Nov 11, 20244 min read
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महानायक खारवेल Ep. 12
"अब मैं लंबे समय तक नहीं हूँ।” मुनि ने विस्फोट किया।" "मैं तो सदमे में पड़ गया।” मुनिवर! ऐसा क्यों कह रहे हो? "जिनकल्पी की तुलना करते...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj
Nov 3, 20244 min read
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महानायक खारवेल Ep. 11
( उज्जयिनी नगरी में स्थविरकल्पी आर्य सुहस्तिजी बस्ती के बीच रहते थे और जिनकल्पी की तुलना से गुरुभ्राता आर्य महागिरीजी बस्ती के बाहर एकांत...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Oct 20, 20247 min read
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Mahanayak Kharvel Ep 11
( In the city of Ujjaini, Sthavirakalpi Arya Suhastiji lived in the middle of the settlement and in comparison to Jinkalpi, Gurubhata...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Oct 20, 20247 min read
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शराब का नशा अर्थात् मौत का कुँआ
शराब का सेवन एक बार करने के बाद रूकना मुश्कील है। इसका शौक करने जैसा नहीं है, यह मौत का कुँआ है। इसलिए जीवन में पानी आने से पूर्व पाल...
Gachhadhipati Shri Rajendra Suriji Maharaj Saheb
Oct 18, 20243 min read
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महानायक खारवेल Ep. 10
( आर्य सुहस्तिसूरिजी सम्राट संप्रति और अपने मुनिवरों के साथ वार्तालाप करते हुए कहते है कि “स्वस्थ हो जाओ वत्स! आज मुझे तुझको और मेरे...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Oct 2, 20245 min read
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Mahanayak Kharvel Ep. 9
Even there, without neglecting Pataliputra, I could not find relief. Amidst all this, I received another piece of news: my father, Kunal,...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Sep 15, 20246 min read
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महायनक खारवेल Ep. 9
उसमें भी पाटलीपुत्र की उपेक्षा किए बिना छुटकारा नहीं मिलने वाला था। इन सभी के बीच और एक समाचार मिले कि पिताजी कुणाल ने जीवन का उत्तरार्ध...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Sep 15, 20246 min read
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महायनक खारवेल Ep. 8
पाटलीपुत्र में नवनिर्मित देवविमान सदृश भव्यातिभव्य जिनालय की प्रतिष्ठा का महामहोत्सव कल ही संपन्न हुआ था। श्रमण भगवंतों के निवास की...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Aug 18, 20246 min read
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महायनक खारवेल Ep. 7
सम्राट संप्रति अपने पटमंडप में चिंतनमग्न होकर बैठे थे। उनके हाथ में खारवेल की कटारी थी। बार-बार उस कटारी को हाथ में ऊँची करके गोल-गोल...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Aug 4, 20246 min read
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Mahanayak Kharvel 7
Emperor Samprati sat in deep thought in his royal pavilion. In his hand, he held Kharavela's dagger. He repeatedly raised the dagger high...
Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Aug 4, 20245 min read
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वेतन बढ़ाने का क्या हुआ?
छगन ने अलमारी के आईने पर जमी धूल की परत को देखकर, नौकर का ध्यान खींचने के लिए उसी धूल में ही अंगुली से लिख दिया, 'धूल बराबर साफ करो।'...
Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Jul 31, 20242 min read
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From the significance of daily rituals to the profound teachings of Jainism,
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