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The Faithbook Blog
Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
3 days ago5 min read
HPV वैक्सीन का खतरनाक सीन (दृश्य...)
बिहार राज्य में बसे पटना शहर से एक समाचार आए थे। बिहार के विभिन्न जिलों में 9 से 14 साल के आयुवर्ग की लगभग 95 लाख लड़कियों को मुफ्त में...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
5 days ago5 min read
Mahanayak Kharvel Ep. 19
In the central part of the capital of Kalinga, Toshali, within a secret council chamber resembling the heart of the royal palace, two...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj
Dec 193 min read
इधर-उधर की बातें
विरमगाम से धाकड़ी की ओर विहार कर रहा था। रास्ते में एक नवयुवक मिला, जो इ-स्कूटर चला रहा था। उसने मुझे साथ ले लिया। वह जन्म से राजपूत था...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
Dec 172 min read
Self Control
कुरु प्रदेश की रानी राक्षसी प्रवृत्ति की थी। उसे दूसरों को बिना किसी कसूर के भी दुःख पहुँचाकर आनंद मिलता था। एक बार जब गौतम बुद्ध के इस...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Dec 1510 min read
Mahanayak Kharvel Ep. 18
"What was the final state of Arya Mahagiri?" Arya Vasumitra asked Arya Suhsthisuriji. "The revered Arya Mahagiri, renowned, worshipped...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Dec 1510 min read
महानायक खारवेल Ep. 18
"आर्य महागिरीजी की अंतिम अवस्था का क्या वर्णन है।” आर्य वसुमित्रने आर्य सुस्थितसूरिजी को पूछा। "स्वनामधन्य, देवों के भी पूज्य, उत्सर्ग...
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Priyam
Dec 124 min read
जिनशासन तेरे लिये...
छगन बगीचे में अपनी पत्नी के साथ बैठा था। पत्नी को खुश करने के लिए उसने कहा, "तू कहे तो आसमान के तारे भी तोड़ लाऊं।" पत्नी ने मुस्कुराते...
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Panyas Dhananjay Vijay Maharaj
Dec 105 min read
मौन एकादशी पर्व Special
फर्क मौन और खामोशी का... संतासिंह: अरे दोस्त, तू मुझे मिला और उससे पहले मुझे बहुत सिर दर्द हो रहा था। लेकिन पता नहीं तेरे साथ बातें...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Dec 88 min read
Mahanayak Kharvel Ep. 17
Click on the Button to read Previous Episode "Khara...vel! Khara...vel!" echoed Bappadev's voice in the desolate silence. His voice could...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Dec 88 min read
महानायक खारवेल Ep. 17
Click on the Button to Read Previous Episode "खारवे...ल! खारवे...ल!" सूनी विरानी में बप्पदेव का प्रतिघोष पड़ रहा था। उसे खुदकी ही आवाज...
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Panyas Shri Rajsundar Vijayji Maharaj Saheb
Dec 53 min read
आत्मा का साक्षात्कार कैसे होता है?
स्वामी अवधूत एक अत्यंत उन्नत संत थे, जो आत्मा की अनुभूति में पारंगत थे। वे निरंतर एक गाँव से दूसरे गाँव की यात्रा करते रहते। एक बार, एक...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj
Dec 16 min read
महानायक खारवेल Ep. 16
( माणवक अपनी कथा करने के बाद कामरू एक ऊँची मीनार पर चढ़ गया और बोलने लगा। उसने वहाँ पड़ी हुई मशाल अपने हाथ में ले ली। मशाल के जैसे ही...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj
Dec 15 min read
Mahanayak Kharvel Ep. 16
( After Manavak narrated his story, Kamru climbed a high tower and started speaking. He took the torch lying there in his hand. Flames...
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Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj
Nov 283 min read
दूसरा रास्ता
एक बहुत ही महत्वाकांक्षी लड़का, उसका नाम अब्दुल था। बचपन से ही उसे हवाई जहाज का बहुत ही शौक था। हवाई जहाज देखते ही वह रोमांचित हो जाता...
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Panyas Shri Nirmohsundar Vijayji Maharaj Saheb
Nov 268 min read
स्वैच्छिक ग़ुलामी
[ आप अपने ही हाथों से अपने हाथों का बाँध लीजिए ] एक बहुत बड़े ज्योतिषि ने आकर राजा को कहा, ‘आप अपने राज्य में घोषणा करवा दीजिए, क्योंकि...
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Panyas Shri Dhananjay Vijayji Maharaj
Nov 258 min read
वर्षीदान का महत्व
चरम तीर्थपति भगवान महावीर का दीक्षा कल्याणक वास्तव में आश्चर्य उत्पन्न करने वाला है। प्रभु के जन्म कल्याणक का वर्णन कई बार और अनेक तरीकों...
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Muni Shri Tirthbodhi Vijayji Maharaj Saheb
Nov 245 min read
Mahanayak Kharvel Ep. 15
[ Forest dweller Kamru has come to the Kaumudi festival due to the insistence of his beloved Kinkini. And here Manavak starts narrating...
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Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
Jul 32 min read
समाधान की चाबी
पिंटू: “चिंटू! तुझे तो स्वीटी अच्छी लगती थी ना! फिर क्या हुआ?” चिंटू: “मुझे उससे शादी नहीं करनी, वह तो बहरी है।” पिंटू: “बहरी? तुझे कैसे...
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Pujya Panyas Shri Bhavyasundar Vijayji Maharaj
Apr 243 min read
धर्म में हमारी प्रगति क्यूं नहीं होती?
करुणा के सागर श्री अरिहंत परमात्मा ने अपने ज्ञान से जगत के जीवों को दुःख से त्रस्त देखकर, दुःख से हमेशा के लिए मुक्त होने का - शाश्वत...
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From the significance of daily rituals to the profound teachings of Jainism,
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