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Aacharya Shri Ajitshekhar Suriji Maharaj Saheb
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Join date: Mar 19, 2024
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जैसे जिद पर उतरा बालक कुछ भी खाने को तैयार नहीं होता, किन्तु माता उसे खेल में, हंसी में बहला कर खाना खिलाकर ही दम लेती है। इसी प्रकार मिथ्यात्व की जिद पर चढ़े जीव के मन-मस्तिष्क में प्रभु-वचनों को उतारने की जिनकी अद्भुत विशेषता है, उपरान्त जो प्रभावक प्रवचनकार, कवि एवं अनेक पुस्तकों के सृजक हैं, ऐसे आचार्य भगवन्त द्वारा शॉर्ट, स्वीट और स्माइलिंग लेखमाला वाचकों को प्रिय बनेगी, ऐसा अन्तर्मन से विश्वास है।
Posts (15)

Mar 5, 2025 ∙ 2 min
बड़ा रूप दे दो
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Feb 4, 2025 ∙ 2 min
दृष्टांत और सिद्धांत
छगन को रिक्शा चलाते देख मगन ने आश्चर्य से पूछा, "अरे छगन! तू रिक्शा चलाने लगा? ऐसा क्यों?" छगन ने उत्तर दिया, "मैंने प्रधानमंत्री का...
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Jan 6, 2025 ∙ 2 min
निंदा का अधिकार
चिंटू: “पिंटू! इस सीजन में हमारी टीम ने बहुत कमजोर प्रदर्शन किया। एक भी मैच नहीं जीता, रन भी अच्छे नहीं बनाए, बॉलिंग भी बिल्कुल बेकार...
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