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Sanjay Bhai Vakhariya
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Join date: Mar 19, 2024
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प्रभु के प्रति अपरम्पार भक्तिभाव, गुरु भगवन्तों के प्रति उछलता अहोभाव, जिनशासन के प्रति असीम बहुमान भाव से जिनका हृदय भरा है, और जिनशासन के विराट प्रसंगों में जिनके सफल संचालन से भाविकों का हृदय नम होता है, ऐसे सुश्रावक की प्रथम लेखमाला का शुभारम्भ भी इसी “faithbook” से हो रहा है। श्रमणी भगवन्तों के प्रति अहोभाव जगाने वाली यह लेखमाला सबके हृदय में सद्भाव की अभिवृद्धि करेगी …
Posts (7)
Apr 10, 2021 ∙ 2 min
कुटीर का दिया
कुटीर के भीतर की दुनिया को उज्ज्वलित करने की हिम्मत जब चाँद सितारों ने ना दिखाई, सूरज का तेज भी जब गुफाओं और खंडहरों में ना पहुँच सका, तब...
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Sep 23, 2020 ∙ 2 min
अनुमोदना का अपूर्व अवसर
उच्च शिखरों से सुशोभित मंदिरों के दर्शन से हमारी आत्मा को अतीव आनंद की अनुभूति होती है। परंतु, यह आनन्द उन शिलाओं का आभारी है, जिन्होंने...
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Jul 12, 2020 ∙ 3 min
सद्गुण के सरोवर
पूज्यपाद सुविशाल गच्छाधिपति श्री जयघोषसूरिजी महाराज अर्थात्… नौं-नौं सरोवरों के जलधि श्री जिनेश्वर की कृपा का सरोवर… श्री...
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