top of page
Aacharya Shri Mahabodhi Suriji Maharaj Saheb
Writer
More actions
Profile
Join date: Mar 19, 2024
About
जिनके प्रवचनों में लोगों को जकड़ कर रखने की क्षमता है। प्रसंगोचित प्रवचन करने की अद्भुत कुशलता है। और प्रवचन के साथ-साथ कलम चलाकर साहित्य का सृजन करके जिन्होंने अपनी सर्वतोमुखी प्रतिभा का परिचय दिया है। ऐसे प्रवचन प्रवर आचार्य भगवन्त उपकार करते हुए श्री विपाक सूत्र आगम ग्रन्थ की कथा को हृदयस्पर्शी शब्दों में कलमबद्ध किया है। वाचकों के लिए यह आगम कथा निश्चय ही हृदय के द्वार खोल देने वाली बनेगी, ऐसी श्रद्धा है।
Posts (8)

Apr 24, 2023 ∙ 9 min
शकट कथा
राजा हस्तिपाल की दानशाला में बारह पर्षदाएँ विराजमान थीं। अमावस्या की रात्रि थी, सर्वत्र नीरव शांति थी। प्रभु वीर जगत के कल्याण के लिए...
41
0
1

Apr 24, 2023 ∙ 12 min
अभग्नसेन कथा
अमावस्या की मध्यरात्रि बीत चुकी थी। राजा हस्तिपाल की दानशाला में विराजमान प्रभुवीर ने विपाकसूत्र के पाप विपाक के तीसरे अध्ययन का आरंभ...
17
0
3

Sep 23, 2020 ∙ 8 min
पर्युषण के पांच कर्तव्य
“पर्वाणि सन्ति प्रोक्तानि, बहुनि श्री जिनागमे । पर्युषणां समं नान्यत, कर्मणां मर्मभेदकृत् ।।” भूमिका : वर्ष में (साल में) बारह मास होते...
32
0
1
bottom of page