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जिनशासन का हृदय

Knowledge Book Editor

Updated: Apr 7, 2024




एक व्यक्ति डॉक्टर के पास दिखाने के लिए गया। डॉक्टर ने उसका Full body check-up किया और कहा कि आपके शरीर का हर अंग Check करके मुझे ऐसा लगता है कि: 

मस्तक : आपका मस्तक बराबर है, कोई माइग्रेन या हेमरेज नहीं है, उसका कोई लक्षण भी नहीं है, और ब्रेन भी पावरफुल है।

आंख : आपकी आंखों में मोतियाबिंदु या झामर नहीं है, चश्मे की जरूरत नहीं है, अंधापन आने का भी कोई लक्षण नहीं है, आँखें बहुत अच्छी तरह कार्य रही हैं, चिंता की कोई बात नहीं है। 

कान : बहरापन नहीं है, मशीन आदि साधनों की जरूरत नहीं है, कुछ भी खराबी नहीं है। 

नाक : सूंघने या सांस लेने में आपका नाक Active है, कोई प्रोब्लेम नहीं है इसलिए ऑक्सीजन की बोतल की भी कोई जरूरत दिखाई नहीं पड़ती है।

दांत : चौकठा बिठाने की आवश्यकता नहीं लगती है, पायरिया होने के भी लक्षण नहीं है, दांत बहुत मजबूत है, एकदम परफेक्ट है।

गला : टॉन्सिल जैसी कोई बीमारी की संभावना दिखाई नहीं पड़ती, गले की सभी ग्रंथियाँ सब व्यवस्थित रूप से कार्यरत हैं और मजबूत है।

फेफड़ा : इसमें कोई भी नुकसान नहीं है, लीवर आदि का प्रोब्लम आने का चान्स बिल्कुल नहीं है।

किडनी : अच्छी तरह चल रही है फेल होने की कोई बात नहीं है। डायलिसीस भी करानी नहीं पड़ेगी। वैसे तो एक किडनी पर भी जी सकते हैं, आपकी तो दोनों बराबर है।

आंत : प्रोस्टेट आदि आने की कोई भी संभावना नहीं है। लंबे समय तक अच्छे से चलेगी। आपके यूरीन और रक्त में भी कोई खराबी नहीं लगती, और सुगर या थाइरोइड का अंश भी मालूम नहीं पड़ रहा। आपका शरीर हर तरह से एकदम सुपरफाइन है।

इतना सब अच्छा सुनकर वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ। लेकिन अचानक डॉक्टर ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि,

अब तक आपका पूरा शरीर मैंने ठीक से देख लिया है, मुझे कोई भी खराबी नहीं दिखी। मगर अब जो मैं कहने जा रहा हूँ, वह ध्यान से सुनना, मन को मजबूत बनाना। आपको कोई दवाई की भी जरूरत नहीं है, फिर भी एक बहुत बड़ा प्रोब्लम है। वैसे आपका पूरा शरीर ठीक है, फिर भी आप ज्यादा जिंदा नहीं रह पाएँगे, क्योंकि आपका कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा है, और हार्ट का बड़ा प्रोब्लम आ चुका है, जो ज्यादा नहीं चल सकता। बहुत ही कम समय में आपको इस दुनिया से अलविदा होना है, हार्ट कभी भी बंद पड़ सकता है, बस संभल जाइए।

अब बोलिए ! उस मरीज का क्या होगा? 

उसकी तो खुशी से गम में ट्रान्सफर हो गयी।

मनुष्य अपने शरीर के अन्य किसी अंग के बिना जिंदा रह सकता है, और कदाचित तकलीफ आने पर दवा से ठीक भी हो सकता है, और Longlife जी सकता है। लेकिन हार्ट कमजोर हो जाए तो क्या होगा? कुछ नहीं…

शरीर में जितना महत्व हार्ट का है उतना ही महत्व जिनशासन में सम्यग्दर्शन का है, अगर सम्यक्त्व ही नहीं है, तो बाकी सब कुछ काम नहीं।

कितना भी धर्म कर लो, दान कर लो, तप-जप कर लो, सामायिक-प्रतिक्रमण कर लो, पूजा कर लो, व्रत-नियम रख लो, मगर यदि उसमें सम्यग्दर्शन नहीं है, तो ये सब कुछ बिना हार्ट के शरीर जैसा है, निष्फल है। और अगर सम्यग्दर्शन पूर्वक छोटी-सी भी क्रिया है, तो वह  प्राणवंत है, मोक्ष की ओर कदम बढ़ाने जैसा है।

आत्मा के लिए सम्यग्दर्शन ही हृदय है। सम्यक्त्व – मन, हृदय या आत्मा की चीज है, ज्ञान – वचन की चीज है, और चारित्र – काया द्वारा पालन की चीज है। यदि ज्ञान और चारित्र आ जाए, चला भी जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता, एक बार चल जाता है। किंतु सम्यग्दर्शन के बिना तो नहीं चलेगा।

जैसे हृदय जीवंत हो तो शरीर जीवित रहता है। बेहोशी में मृतप्रायः आदमी मरा हुआ ही घोषित होता है। वैसे ही श्रद्धा जीवंत हो तो क्रिया-धर्म सब जीवंत रहता है। श्रद्धा के बिना क्रिया-धर्म संमूर्च्छिम बन जाता है। इसलिए क्रिया और धर्माराधना को जीवंत बनाने के लिए श्रद्धा जरूरी है, और श्रद्धा की प्राप्ति के लिए सम्यक्ज्ञान जरूरी है।

हार्ट ऑफ जिनशासन यदि सम्यग्दर्शन है, तो सम्यग्दर्शन के लिए सम्यक्ज्ञान भी उतना ही जरूरी है।

जिनशासन क्या है? कैसा है? मुझे तारने वाला ही है, इसलिए इसकी आराधना बहुत जरूरी है। शासन प्राप्ति का आनंद होना चाहिए, मैं शासन की आराधना कर सकता हूँ, उसका आनंद आना चाहिए। उच्चतम देव, गुरु और धर्म मिला उसकी कीमत क्या है, यह भी पता होना चाहिए, तभी हम सम्यग्दर्शन को टिका पाएँगे।

आज के वातावरण में सम्यग्दर्शन पाना कदाचित् दुर्लभ लगता होगा, मगर धर्मार्थी जीव के लिए उतना ही सुलभ है। इसलिए हृदय को जीवित बनाओ, जिनवचन को सर्वथा सत्य मानकर स्वीकार करो।

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