शत्रु भी सुखी बने
- Muni Shri Krupashekhar Vijayji Maharaj Saheb
- Apr 10, 2021
- 3 min read
Updated: Apr 12, 2024

“शत्रुजनाः सुखिनः समे”
नेल्सन मंड़ेला साउथ आफ्रिका के सिवील राईट्स के लिए व्हाईट रेजीन ‘पी.डबल्यु ओथा’ कि जो साउथ आफ्रिका के प्रेसीडेन्ट थे, उनके सामने अहिंसक लड़ाई चालू की। गांधीजी के जैसे ‘फ्रीडम फाईटर’ बने।
सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया। 10″x 10″ से भी छोटी कोठरी में 27 साल रहे। दुनिया की सात अरब की बस्ती में एक व्यक्ति ने शायद सबसे ज्यादा दुःख देखा हो तो वह नेल्सन मंडेला ने देखा है।
27 साल आपको जेल में अकेला रखे, कोई आपके सामने देखें नहीं। कोई आपके साथ बोले नहीं, तब इन्सान पागल हो जाता है। आजकल के युवकों के हाथ से एक घंटे के लिए भी मोबाइल ले लेंगे तो वे भी पागल हो जाते है। क्योंकि हर तीन मिनट पर Consiously याँ Unconsiously आपका हाथ फोन पर ना जाये तो आपका Discharging होता है। तो नेल्सन मंडेला तो 27 साल जेल में रहे, फिर भी नेल्सन मंडेला अपने मन को स्थिर रख सके – कौन सी वजह से ? Think. कौन से विचार से ?
नेल्सन मंडेला ने सोचा – “कभी भी मुझे मेरे मन की स्वस्थता गँवानी नहीं है। भगवान ने मुझे ऐसा समय जिंदगी में दिया है तो मैं अच्छी पुस्तकों का वाचन करूँगा। और उसमें से प्राप्त हुए अच्छे विचारो का लेखन करूँगा। और जेल से बाहर निकलकर उसका प्रकाशन करूँगा।”
27 साल के बाद उन्हें जेल से मुक्ति मिली। उनका अभिवादन करने के लिए हजारों लोग उपस्थित थे। न्यूज रिपोर्टर ने पूछा, “सरकार की नीति के अनुसार अब तमाम अश्वेतों को भी वोटिंग का अधिकार मिला है, और अब तय ही है कि, आप ही सर्वानुमत से जीतोंगे। और साउथ आफ्रिका के प्रेसीडेन्ट बनोंगे।” क्योंकि श्वेत से अश्वेत 15% ज्यादा थे।
नेल्सन मंडेला ने कहाँ, “हाँ! 100% हम ही जीतेंगे।”
न्यूज रिपोर्टर ने फिर से पूछा, “तो साउथ आफ्रिका के प्रेसीडेन्ट बनने के बाद आपको 27 साल जेल में रखने वाले श्वेत प्रेसीडेन्ट ‘पी. डब्ल्यु ओथा’ के साथ आप कैसा व्यवहार करेंगे? उनके प्रति कौन-कौन सी प्रतिक्रियाएं दिखायेंगे और उनके प्रति कौन-कौन से कानून लागू करोगे? कौन-कौन से श्वेत लोगों को देश छोड़कर जाना पड़ेगा ?”
अब यहाँ नेल्सन मंडेला का Think Beyond देखिए। हमारे साथ किसी ने अन्याय किया हो, अपमान, अवगणना, उपेक्षा या अनाधिकृत सजा दिलायी हो। तो हम तो राह देखते है कि कब मौका मिले और कब बदला लूँ? यह सामान्य विचार है।
इसे कहते है – Think Routine.
नेल्सन मंडेला कहते है – I don’t have any cruch. मुझे किसी के प्रति राग-द्वेष नहीं है। हम सरकार बनायेंगे तब, हमें देश चलाने का अनुभव कम है, इसलिए पी. डब्ल्यु ओथा को और उनके मिनिस्टर को सरकार में साथ रखेंगे। और हम साथ रहकर देश का विकास करेंगे।
ऐसा ही हुआ। इलेक्शन में नेल्सन मंडेला Massive Victory के साथ जीते। 90 वर्ष की उम्र में साउथ आफ्रिका के प्रेसीडेन्ट बने। पी. डब्ल्यु ओथा को ऑफर दिया, “आप Deputy” की पोस्ट में मेरी ऑफिस में साथ रहो, मुझे मार्ग-दर्शन देते रहो, जिससे हम साथ रहकर देश का विकास करे। नेल्सन मंडेला की जगह पर हम होंगे तो पी. डब्ल्यु ओथा के साथ कैसा व्यवहार करेंगे ?
नेल्सन मंडेला ने पाँच वर्ष सरकार चलायी, फिर रिटायर हुए और जब उनकी मृत्यु हूई तब दुनिया भर के प्रेसीडेन्ट, धर्मगुरु, और बड़ी-बड़ी हस्तियाँ आयी थी। क्यों ?
“नेल्सन ने अलग सोचा तो दुनिया के लोगों से अलग बने।” ऊँचा सोचा तो दुनिया के लोगों से ऊँचे बने।
पूज्यपाद सिद्धांत दिवाकर गच्छाधिपति श्री जयघोषसूरीश्वरजी म.सा. को एक शिष्य ने पूछा – “साहेब! आप के मन में कौन सा विचार कभी नहीं आया है ?”
साहेब ने कहाँ, “किसी का अहित हो जाए ऐसा विचार मुझे कभी भी नहीं आया।”
“स्पर्धक और दुश्मन का भी अहित क्यों चाहना ?”
चलिए, हम संकल्प करते है कि – मैं दुनिया से अलग सोचूँगा, मेरे स्पर्धक और दुश्मन भी सुखी हो जाये, ऐसी भावना करूँगा।
चलो, हमारे कॉम्पीटीटर-स्पर्धक के लिए भगवान को प्रार्थना करते है कि,
‘हे भगवान! उनको जल्दी Success मिले!’
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