Sale

Shri Vardhaman Shakrastava (श्री वर्धमान शक्रस्तव)

120.00

Delivery Charges Included

भगवान महावीर स्वामी के केवल कल्याणक के अवसर पर? Special Discount Offer?

? शक्रस्तव: “अरिहन्त” का अनाहत नाद ?

∗∗∗

शक्रस्तव अर्थात् ….

‘अहं’ की शमशान यात्रा… ‘अर्हम्’ की सद्गुण यात्रा…
‘शक्र’ का सद्भाव शिखर… ‘स्तव’ का शब्द शिखर…

अनन्त गुणों के स्वामी श्री वीतराग जिनेश्वर के 273 गुणों की प्रस्तुति के द्वारा उनके बाह्य और अभ्यन्तर स्वरूप का परिचय ‘शक्रस्तव’ है ।

✍️ संपादक : मुनिश्री धनंजयविजयजी म.सा.
? भाषाहिन्दी

इस पुस्तक की विशेषता की पूरी जानकारी पढ़ने के लिए Description click करें ।

8 in stock

? शक्रस्तव: “अरिहन्त” का अनाहत नाद ?

∗∗∗

 

शक्रस्तव अर्थात् ….

 

‘अहं’ की शमशान यात्रा… ‘अर्हम्’ की सद्गुण यात्रा…

‘शक्र’ का सद्भाव शिखर… ‘स्तव’ का शब्द शिखर…

 

अनन्त गुणों के स्वामी श्री वीतराग जिनेश्वर के 273 गुणों की प्रस्तुति के द्वारा उनके बाह्य और अभ्यन्तर स्वरूप का परिचय ‘शक्रस्तव’ है ।

 

‘इक्को वि नमुक्कारो…’ द्वारा गणधर भगवन्त कहते हैं कि प्रभु को भावपूर्वक किया गया एक नमस्कार भी जीव को संसार सागर से पार उतार सकता है। तो फिर शक्रस्तव के पाठ से 273 बार नमस्कार करने से जीव कितने कर्मों का नाश करेगा?

 

इसके 1-1 पद में चमत्कार है, लेकिन इसका अनुभव लेने के लिए पहले भाव से नमस्कार होना चाहिए। नाभि के नाद से… अनाहत नाद से इस स्तोत्राधिराज शाश्वत शब्द तीर्थ श्री शक्रस्तव के जाप, पाठ, स्मरण, श्रवण और चिन्तन करने से जीव शीघ्रातिशीघ्र शिव बन सकता है।

 

 

♦ इस पुस्तक की विशेषता ♦

 

 

? मूल स्तोत्र में रही अशुद्धियाँ दूर की गई है,

 

? प्रत्येक पद के अर्थ में ‘ नमन हो ’ वाक्य जोड़ा गया है,

 

? सामान्य व्यक्ति भी बोध प्राप्त कर सके, ऐसी भाषा में भावानुवाद लिखा गया है,

 

? प्रायः हर पद के अर्थ में प्रभु के प्रति हृदय में स्पन्दन उत्पन्न हो, ऐसे विशेषण लिखे गए हैं,

 

? अर्थ के निर्णय के लिए शक्रस्तव की 7-8 पुस्तकों और भगवद् गोमण्डल जैसे अनेक शब्दकोशों का आधार लिया गया है,

 

? इस पुस्तक की प्रस्तावना पूज्यपाद सरस्वतीलब्धप्रसाद राजप्रतिबोधक आचार्य भगवन्त श्री विजय रत्नसुन्दरसूरीश्वरजी महाराजा ने अरिहन्त प्रभु की महिमा बताने वाली अत्यन्त मार्मिक प्रस्तावना लिखी हैं,

 

? इस पुस्तक में अभिषेक का विधान भी बहुत सरलता से समझाया गया है,

 

? अभिषेक विधान और जलयात्रा विधान के लिए अनेक प्रतों से संशोधन करके यहाँ प्रस्तुत किया गया है,

 

? अभिषेक से पहले करने योग्य “जलयात्रा विधान” की मुद्रा सहित पूर्ण विधि इस पुस्तक समझाई गई है,

 

? अभिषेक से पूर्व की, अभिषेक के दिन की और अभिषेक के समापन की आवश्यक सूचनाएँ भी प्रकाशित की गई हैं,

 

? इस पुस्तक में प्रभु के गुणों पर 11 ह्रदयस्पर्शी-संवेदनशील प्रार्थनाएँ हैं।

 

? यह पुस्तक मल्टी कलर-आर्ट पेपर प्रिंटिंग के साथ-साथ हार्ड बाउंड बाइंडिंग में मुद्रित है, ताकि किताब लंबे समय तक उपयोगी बनी रहे।

 

Get in touch on the below-mentioned contact numbers for more information:

 

Location: Malad | Name: Dimple Bhai | Phone No.: +91 87794 07171


Location: Bhayandar | Name: Bharat Bhai | Phone No.: +91 94204 73772


Location: Surat | Name: Kalpesh Bhai | Phone No.: +91 98256 30018


Location: Ahmedabad | Name: Hemant Bhai | Phone No.: +91 98335 87349


Location: Bengaluru | Name: Manish Bhai | Phone No.: +91 93412 43174


Location: Indore | Name: Ashish Bhai | Phone No.:+91 78797 11999


Location: Chennai| Name: Vikram Bhai | Phone No.: +91 99401 12979

Weight 0.4 kg
× CLICK HERE TO REGISTER